मनोवैज्ञानिक कर रहे मरीजों, क्वारन्टीन सेंटर और होम आइसोलेशन में रखे गए लोगों की काउंसलिंग

कोरोना संदिग्ध और संक्रमितों के साथ ही क्वारन्टीन व आइसोलेट किए गए व शेल्टर होम में रखे गए लोगों के मन में तरह-तरह के मनोभाव पैदा हो रहे हैं। किसी को समाज का डर है तो किसी को घर जाने की चिंता सता रही है।


मनोवैज्ञानिक ऐसे मरीजों और अन्य सामान्य लोगों की नियमित काउंसलिंग कर रहे हैं। दून मेडिकल अस्पताल की वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डाॅ. प्रतिभा शर्मा ने बताया कि समाज उनके बारे में क्या सोचेगा? कुछ लोग इसलिए भी जांच के लिए अस्पताल नहीं जाना चाहते।

अस्पताल में भर्ती और क्वारन्टीन किए गए कुछ संदिग्ध कोरोना मरीज सदमे में हैं कि यह क्या हो रहा है। हल्की सी खांसी जुखाम बुखार होने पर भी वह चिंता में डूब रहे हैं। उन्हें काउंसलिंग कर बताया जा रहा है कि जरूरी नहीं कि उन्हें कोरोना होगा ही। साथ ही हेल्दी डाइट लेने और योग ध्यान करने की सलाह दी जा रही है।